Love Emotional Shayari
तू नहीं तेरा कोई पैगाम तो आये,
एक बार कोई ख़त मेरे नाम तो आये,
माना तेरी नज़रों में मैं गुनेहगार हूँ,
पर कोई इलज़ाम एक दफा मेरे नाम तो आये.
महीनो देखा उसे पर इज़हार करना न आया
बरसो चाहा उसे पर प्यार करना न आया
उसने मांगी भी तो सिर्फ जुदाई
और आदत से मजबूर हमें इंकार करना न आया
बरसो चाहा उसे पर प्यार करना न आया
उसने मांगी भी तो सिर्फ जुदाई
और आदत से मजबूर हमें इंकार करना न आया